संत सियाराम बाबा का 110 वर्ष की आयु में निधन
मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने खरगोन स्थित भट्टयान आश्रम पहुंचकर दिव्य संत, परम पूज्य सियाराम बाबा जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की।

जन दर्शन न्यूज । निमाड़ के प्रसिद्ध संत सियाराम बाबा का 110 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बाबा ने बुधवार को मोक्षदा एकादशी पर सुबह 6:10 बजे अंतिम सांस ली। बाबा पिछले 10 दिन से निमोनिया से पीड़ित थे। संत सियाराम बाबा का नर्मदा किनारे अंतिम संस्कार किया गया ।सियाराम बाबा की उनके आश्रम से नर्मदा घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने जय सियाराम के नारे लगाए। करीब 3 लाख लोगों ने बाबा के अंतिम दर्शन किए।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने खरगोन स्थित भट्टयान आश्रम पहुंचकर दिव्य संत, परम पूज्य सियाराम बाबा जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। संत सियाराम बाबा ने त्याग, तप और भक्ति की त्रिवेणी से मां नर्मदा के इस पावन तट के साथ ही संपूर्ण प्रदेश को आध्यात्मिक प्रकाश से आलोकित किया।
संत सियाराम बाबा मूलतः गुजरात के कठियावाड़ क्षेत्र के निवासी थे। उन्होंने 17 वर्ष की आयु में घर त्यागकर वैराग्य का मार्ग अपना लिया था। 22 वर्ष की आयु में वे तेली भट्टाण आए और मौन धारण कर लिया। बाबा नियमित रूप से रामायण पाठ करते थे। जब वे अस्वस्थ थे, तब भी उनके भक्त लगातार रामायण पाठ और सियाराम की धुन गाते रहे।
संत सियाराम बाबा 1933 से नर्मदा किनारे रहकर तपस्या कर रहे थे। 10 साल तक खड़े रहकर मौन तपस्या की। वे करीब 70 साल से रामचरित मानस का पाठ भी कर रहे थे।उनके मुंह से पहली बार सियाराम का उच्चारण हुआ था, तभी से लोग उन्हें संत सियाराम बाबा कहकर पुकारते हैं।बाबा पिछले 7 दशक से लगातार श्री रामचरितमानस का पाठ कर रहे थे। उनके आश्रम में श्रीराम धुन 24 घंटे चल रही है। वे अपने शिष्यों से महज ₹10 भेंट ही लेते थे।
निमाड़ के संत सियाराम बाबा का नर्मदा किनारे अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। संत सियाराम बाबा के निधन से देशभर में उनके अनुयायियों में शोक की लहर है।