विजयपुर का चमत्कारी छिमछिमा हनुमान मन्दिर जहा सात कुंडों का पानी पीने और पानी से स्नान करने वाले लोगों की बड़ी-बड़ी बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती हैं
विजयपुर मे छिमछिमा हनुमान मंदिर के विकास कार्यो के लिये मुख्यमन्त्री श्री मोहन यादव ने स्वीकृत की एक करोड की राशि...

जनदर्शन न्यूज । श्योपुर जिले के विजयपुर् कस्बे से 9 किमी दूर जंगल मे बने छिमछिमा हनुमान मंदिर की विजयपुर ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में बहुत ही मान्यता है, यहां पर सात कुंड है जिनका पानी कभी नहीं सूखता, इन कुंडों का पानी पीने और पानी से स्नान करने वाले लोगों की बड़ी-बड़ी बीमारियां जड़ से खत्म हो जाती हैं। इसलिए यहां हनुमान जी के दर्शन करने वाले लोग कुंडों का जल भी पीते हैं।
भारत में जब मुगल साम्राज्य था, उस समय संत समर्थ गुरु ने जगह-जगह हनुमान प्रतिमाओं की स्थापना की। इसी के तहत विजयपुर से 9 किमी दूर घने जंगल में छिमछिमा हनुमान की स्थापना हुई। कहा जाता है कि 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब ने पूरे भारतवर्ष में मूर्ति और मंदिर तोडने का अभियान चलाया था, उस समय मुगल सेना यहां भी आई। हनुमान जी की कृपा से मंदिर के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में चारों ओर की जमीन मोम की हो गई, जिससे औरंगजेब की सेना आगे नहीं बढ़ सकी। मान्यता है कि हनुमान जी ने प्रकट होकर सेना को अंधा कर दिया, ऐसे करतब को देख सेना को उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा। यही वजह है कि छिमछिमा हनुमान मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई।
छिमछिमा पर भादौमास में लगता है मेला
वर्ष 1945 तक हनुमान जी का मंदिर एकपाटोरनुमा था, लेकिन उसके बाद मंदिर की भव्यता बढ़ती गई। हर साल भादौ मास की अमावस्या के बाद आने वाले पहले मंगलवार या शनिवार को यहां मेला लगता है. छिमछिमा हनुमान जी के मेले मे हजारो भक्तो का जन समुदाय दर्शन कर अपनी मनोकामनाए पुरी करते है ।
मुख्यमत्री श्री मोहन यादव ने विजयपुर में आयोजित स्व-सहायता समूह सम्मेलन एवं रक्षाबंधन श्रावण उत्सव के मंच से छिमछिमा हनुमान मंदिर के विकास के लिए एक करोड की राशि देने की घोषणा की.
जय श्री छिमछिमा हनुमान जी