ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के बाद छात्रों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन, पुलिस ने लाठीचार्ज किया , कई प्रदर्शनकारी जख्मी
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग ,छात्रों ने इसे 'नबन्ना अभियान' नाम दिया
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार, 27 अगस्त को बड़ी संख्या में छात्रों ने रैली पर प्रदर्शन किया। छात्रों ने हिम्मत से लगे संतरागाछी में बैरिकेडिंग तोड़ दी। इसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाईं। भीड़ को टिटर-बिटर करने के लिए फ्लॉथ गैस के गोले छोड़ें और वॉटर कैनन डालें। पुलिस की कार्रवाई में कई ढांचे उतारे गए। कई छात्रों को हिरासत में लिया गया।
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8 अगस्त की रात को ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की बॉडी मिली। इसके बाद यूनेस्को के डॉक्टर रोड पर उतर आये थे। सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद कई समर्थकों ने हड़ताल कर दी। हालाँकि प्रदर्शन का दौर जारी है।
छात्रों ने इसे ‘नबन्ना अभियान’ नाम दिया। नबन्ना, पश्चिम बंगाल सरकार का आवासीय सचिवालय है, जहां मुख्यमंत्री, मंत्री और छात्र-छात्राएं हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने 6000 पुलिस जवान नियुक्त किये। हार्स ब्रिज को सील कर दिया गया। रैली दोपहर करीब 12.45 बजे शुरू हुई, लेकिन नबन्ना तक नहीं पहुंच पाई। इसकी वजह पुलिस की बैरिकेडिंग रही। कई पुराने को बंद कर दिया गया। निरीक्षण से निरीक्षण किया गया।
सोसाइटी नबन्ना के पास 5 से ज्यादा लोगों का जमावड़ा नहीं हो सका
बस्ती राज्य सचिवालय नबन्ना के पास बीएनएस की धारा 163 (सीआरपीसी की धारा 144) लगाई गई है। यहां एक साथ 5 से ज्यादा लोग इक्ट्ठा नहीं हो पाते। इसके अलावा यहां क्रेन के माध्यम से भारी पैमाने पर मोटरसाइकिलें भी रखी गई हैं, ताकि स्थिर आगे न बढ़ें।
प्रदर्शन की 5 बड़ी बातें
1. स्थिर ‘नबन्ना अभियान’ के तहत कॉलेज वृत्तचित्र से नबन्ना तक जाना था।
2. कोलकाता के हावड़ा ब्रिज, हेस्टिंग्स और नबन्ना प्रदर्शन केंद्र रहे।
3. छात्रों को राजशाही वापस लेने के खिलाफ बीजेपी ने कल 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया है। इस पर ममता सरकार ने कहा कि कल बंद नहीं रहेगा। सरकारी कर्मचारी कार्यालय पहुंचें।
4. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘विपक्ष और पशु दल को एक साथ यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विरोध फिलिस्तीनी तरीकों से हो।’
5. पारंपरिक कांग्रेस के सांसद सयानी घोष ने छात्रों के विरोध-प्रदर्शन को गुंडागर्दी करार दिया। उन्होंने कहा कि ये बिल्कुल गुंडों जैसा है। मुश्किल से ही इसमें कोई महिला नजर आ रही है।