इंदौर में पहली बार ड्रोन की मदद से इंदौर के पलासिया से महू तक ब्लड यूनिट पहुंचाया
ड्रोन ने मात्र 16 मिनट में 25 किमी की दूरी तय की।
जनदर्शन न्यूज । इंदौर में पहली बार ड्रोन की मदद से इंदौर के पलासिया से महू तक ब्लड यूनिट पहुंचाया गया। ड्रोन ने मात्र 16 मिनट में 25 किमी की दूरी तय की। सड़क मार्ग से एक घंटे से ज्यादा समय लगता है। ब्लड बॉक्स लेकर ड्रोन ने इंदौर के पलासिया स्थित मेडिकेयर अस्पताल से दोपहर 12.18 बजे उड़ान भरी और 12.34 बजे महू के मेवाड़ा मेडिकेयर अस्पताल में सुरक्षित उतार लिया गया। वापसी में इंदौर आने में इसे 17 मिनट का समय लगा। गंभीर मरीजों को तुरंत आकस्मिक चिकित्सा पहुंचाने में यह काफी मददगार हो सकता है।
ड्रोन में ट्रायल के लिए एक यूनिट ब्लड रखकर महू भेजा।। इस दौरान ड्रोन ने करीब 200 फीट पर उड़ान भरी। वापसी में भी ड्रोन ने 200 फीट पर उड़ान भरी और 17 मिनट में इंदौर पहुंचा।
मेडिकेयर के डॉ. आरके लाहोटी, पार्थ लाहोटी, श्याम का मूंदड़ा, प्रीति सैनी करीब 2 महीने से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। ड्रोन सेंसर के जरिए काम करता है यह सेट की हुई लोकेशन पर अपने आप लैंड कर जाता है।
चीफ प्रोजेक्ट डायरेक्टर पार्थ लाहोटी ने बताया कि ट्रायल के लिए एक हफ्ते पहले आवेदन किया था। पुलिस विभाग और एटीसी से सोमवार को ही अनुमति मिली। मंगलवार को ट्रायल किया गया। ड्रोन एक दिन में 500 किमी की यात्रा कर सकता है।
60 किमी की दूरी 35 मिनट में पूरी हो जाती है। ड्रोन में कोल्ड स्टोरेज सहित मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन की सभी सुविधाएं मौजूद है। पहुंच विहीन इलाकों के लिए तो यह वरदान है। ड्रोन का वजन 12 किलो था। टेस्टिंग ड्रोन 10 किलो तक का वजन उठा सकता है।चेयरमैन डॉ. आरके लाहोटी ने कहा, पीएम के पायलट प्रोजेक्ट के तहत जाम लगने, पुल टूटने या अन्य कारणों से मार्ग बाधित होने पर ड्रोन से स्वास्थ्य सेवाएं देने की योजना थी। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में काफी मदद मिलेगी।