पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा, 'जरूरी नहीं जो भाजपा को वोट नहीं दे, वह रामभक्त नहीं।
हर रामभक्त भाजपा को वोट देगा, ऐसा अहंकार हमें नहीं पालना चाहिए।'
जनदर्शन न्यूज ब्युरो पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती आज शनिवार को ग्वालियर से भोपाल जाने के दौरान शिवपुरी में भाजपा नेताओं से मिलीं।पूर्व सीएम के शिवपुरी से गुजरने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता सड़क किनारे स्वागत के लिए खड़े हो गए। इस दौरान उन्होंने मीडिया से भी चर्चा की।
साध्वी उमा भारती ने कहा, उत्तर प्रदेश में लोकसभा के चुनावी परिणामों पर मोदी-योगी को ब्लेम करना ठीक नहीं है। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराने के बाद भी भाजपा हार गई थी। इसके बावजूद हमने अयोध्या में राम लला के मंदिर को अपने एजेंडे से बाहर नहीं किया था। हमारे हर चुनाव में अयोध्या रही थी। हमने कभी अयोध्या को वोट से नहीं जोड़ा, इसी तरह अब हम मथुरा-काशी को भी वोट से नहीं जोड़ रहे हैं। मथुरा-काशी हमारे हृदय से जुड़े हैं।
हिंदू समाज धर्म व्यवस्था को एक नहीं करता
उमा भारती ने कहा, पहले हिंदू समाज का मन समझना होगा। हिंदू समाज, समाज व्यवस्था और धर्म व्यवस्था को एक नहीं करता है। उधर, इस्लामिक समाज है जो समाज व्यवस्था और धर्म व्यवस्था को एक करके चलता है। उसी हिसाब से अपना वोट देता है। लेकिन हिंदू समाज सामाजिक व्यवस्था के अनुरूप वोट देता है। हालांकि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि हिंदुओं की रामभक्ति कम हो गई है। वे रामभक्त तो हैं, लेकिन किसी कारणवश वोट भाजपा को नहीं देना चाहते हैं।
एमपी में मोहन सरकार ने रचा इतिहास
एमपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा को 29 सीटें मिलने पर पूर्व सीएम ने कहा, जब से मध्यप्रदेश बना है, तब से पहली बार हुआ है कि मोहन सरकार में भाजपा ने 29 में से 29 सीटें जीती हैं। इससे पहले जब वह सीएम थीं, तब सबसे ज्यादा 29 में से 25 सीटें जीती थीं। जीत का आंकड़ा बढ़ता ही गया और इस बार मोहन यादव प्रगति की ओर ले गए। इस बार 29 में से 29 सीटें भाजपा ने जीती हैं।