18वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो गया है, यह 3 जुलाई तक चलेगा। 10 दिन में कुल 8 बैठकें (29-30 जून को छुट्टी) होंगी। शुरुआत के दो दिन, यानी 24 और 25 जून को प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा।
आज सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने राष्ट्रपति भवन जाकर शपथ ली। अब सांसदों को शपथ दिलाई जानी है। 27 जून को राज्यसभा का 264वां सत्र शुरू होगा। इसी दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा-राज्यसभा के जॉइंट सेशन को संबोधित करेंगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी इस पर बोलेंगे।
यह पहला सत्र है, लिहाजा मोदी सरकार विश्वास मत भी हासिल करेगी। सत्र के आखिरी दो दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार धन्यवाद प्रस्ताव लाएगी और दोनों सदनों में चर्चा होगी। 10 साल बाद पहली बार पीएम मोदी के सामने मजबूत विपक्ष होगा।
मोदी बोले- संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरवमय है। यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारी अपनी नई संसद में ये शपथ समारोह हो रहा है। अब तक जो प्रक्रिया पुराने सदन में होती थी, आज के इस महत्वपूर्ण दिवस पर मैं सब नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत अभिनंदन करता हूं और शुभकामनाएं देता हूं श्रेष्ठ भारत निर्माण का, विकसित भारत 2047 का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है। विश्व का सबसे बड़ा चुनाव सबसे महत्वपूर्ण तरीके से होना हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
10 साल बाद कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिलेगी
लोकसभा में इस बार नेता प्रतिपक्ष भी होगा। पिछले 10 साल से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है, क्योंकि 2014 के बाद से किसी भी विपक्षी दल के 54 सांसद नहीं जीते। मावलंकर नियम के तहत नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए लोकसभा की कुल संख्या 543 का 10% यानी 54 सांसद होना जरूरी है।
16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे 44 सांसदों वाले कांग्रेस संसदीय दल के नेता थे, लेकिन उन्हें नेता प्रतिपक्ष (LOP) का दर्जा नहीं था। 17वीं लोकसभा में 52 सांसदों की अगुआई अधीर रंजन चौधरी ने की थी। उन्हें भी कैबिनेट जैसे अधिकार नहीं थे।